टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?| Technical Analysis Kya Hota hai?

टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ? Technical Analysis Kya Hota hai ? Technical analysis in hindi, Technical analysis mei risk kya hota hai

Introduction:

दोस्तों टेक्निकल एनालिसिस बाजार के रुख को पड़ने का एक तरीका है.

जैसे की नदी को देख के ये अंदाजा लगाया जा सकता है की वह किस दिशा (direction) में बेह रही है, ठीक उसी तरह, कुछ तत्वों के आधार पर मार्किट के direction और future price का भी एक इंटेलीजेंट अनुमान लगाया जा सकता है. Technical Analysis की मदद से एक ट्रेडर बाज़ार के बारे में अपना दृष्टिकोण बना सकता है.

यहाँ पे आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा की आखिर मार्किट का direction और चाल का अनुमान लगाने का क्या फायदा होग. इसका जवाब यह है की किसी भी ट्रेडर या इन्वेस्टर पैसा तब बनता है जब वह एक स्टॉक सस्ते में ख़रीदे और उसे ऊंचे दाम पर बेचे, तब ही तो उसे मुनाफा (profit) होगा. 

जब वह किसी भी स्टॉक में पैसा लगाता है, तो वह यह सोच रहा होता है की उस स्टॉक की कीमत ऊपर जाएगी.  अगर उसका अनुमान सही निकला और वह स्टॉक की कीमत बढ़ गयी तो उसे मुनाफा हो जायेगा. और यदि उसकी analysis फेल हो गयी और वो स्टॉक ऊपर जाने के बजाय नीचे चला जाता है, तोह उसे घटा होगा.

यहां आप बाजार में अवसरों की तलाश करते हैं, यह देखते हुए कि बाजार इस समय कहां जा रहा है और बाजार क्या पसंद करता है. टेक्निकल एनालिसिस से बाजार में मौजूद सभी व्यापारियों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए व्यापार के अवसर ढूंढे जाते हैं. क्यों की बाजार उसी दिशा में चलता है जिस दिशा में बाज़ार में मौजूद सभी व्यापारियों की प्राथमिकताएँ हैं.

बाजार में ज्यादातर व्यापारियों की पसंद क्या है, इसकी पहचान करने के लिए शेयर या इंडेक्स का चार्ट/ग्राफ देखा जाता है. कुछ समय बाद उस चार्ट में एक पैटर्न बनता है और उस पैटर्न को देखकर आप बाजार के संकेतों को समझ सकते हैं. एक तकनीकी विश्लेषक का काम इस पैटर्न को समझना और अपना दृष्टिकोण बनाना है.

टेक्निकल एनालिसिस की अवधारणाएँ | Technical analysis concepts

Technical Analysis केवल परिसंपत्ति की पिछली कीमत और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर ध्यान केंद्रित करता है और भविष्य के रुझानों की भविष्यवाणी करने के लिए इस जानकारी का उपयोग करता है. Technical Analysis कुछ बुनियादी अवधारणाओं पर आधारित है, जिन्हें जानना महत्वपूर्ण है:

  1. इतिहास अपने आप को दोहराता है – यह शायद Technical Analysis की सबसे मौलिक अवधारणा है. यह तकनीक मानती है कि मानव व्यवहार के परिणामस्वरूप मूल्य रुझान (price trend) समय के साथ खुद को दोहराते हैं. ऐसा इस लिए होता है क्योकि बाज़ार सहभागी हर बार एक जैसी घटना पर एक ही तरह से प्रतिक्रिया करते हैं. उदाहरण के लिए, जब बाजार में बढौतरी दीखती है, तोह सब लोग किसी भी कीमत पर शेयर खरीदना चाहते हैं, चाहे शेयर कितना भी महंगा क्यों न हो. इंसान की इसी आदत के कारण इतिहास खुद को दोहराता है.
  2. बाजार को सब पता है – यह अवधारणा हमें यही बताती है की किसी शेयर से जुड़ी हर जानकारी उस शेयर के बाजार मूल्य में शामिल होती है. जो भी जानकारी एक शेयर की कीमत में असर कर सकता हैं, वह सारी जानकारी बाज़ार हिसाब लगा लेता हैं, चाहे वह जानकारी पब्लिक हो या प्राइवे. यह तकनीक इस धारणा पर आधारित है कि कोई भी जानकारी जो किसी संपत्ति के लिए महत्वपूर्ण है वह पहले से ही उस संपत्ति की कीमत में शामिल है.
  3. कीमत प्रवृत्ति में चलती है – यह तकनीक मानती है की मूल्य परिवर्तन हमेशा एक निर्धारित प्रवृत्ति या एक निर्धारित पैटर्न का पालन करते हैं, चाहे वह तेजी (ऊपर की ओर या Bullish) या मंदी (नीचे की ओर या Bearish) हो. एक बार जब मूल्य रुझान स्थापित हो जाते हैं, तो स्टॉक का technical analysis यह मानता है कि जब तक कोई नया रुझान सामने नहीं आता तब तक वह स्टॉक उसी दिशा में चलती रहेगी.

टेक्निकल एनालिसिस के प्रमुख उपकरण | Major tools of technical analysis

Technical analysis के प्रमुख उपकरण

टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख उपकरण निम्नलिखित हैं.

  1. चार्ट (Chart) – तकनीकी विश्लेषक समय के साथ मूल्य आंदोलनों का दृश्य रूप से प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न प्रकार के चार्ट, जैसे लाइन chart, बार chart और कैंडलस्टिक chart का उपयोग करते हैं.
  2. ट्रेडिंग  इंडीकेटर्स (indicators) – एक प्रवृत्ति की ताकत और गति का अनुमान लगाने के लिए ट्रेडर्स indicators का इस्तेमाल करते है.  यह indicators मैथमेटिकल गणना पर आधारित होते हैं.  आजकल सभी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर आपको विभिन्न प्रकार के indicators मिल जायेंगे जिसे आप अपने chart पर लगाके देख सकते है.
  3. चार्ट पैटर्न – तकनीकी विश्लेषक मूल्य चार्ट में विशिष्ट पैटर्न की तलाश करते हैं, जैसे कि डबल टॉप, डबल बॉटम, फ्लैग पैटर्न,  जो संभावित भविष्य के मूल्य आंदोलनों का संकेत देते हैं. यह पैटर्न्स बहोत खास होते ह. जैसा की हमने ऊपर बताया है की टेक्निकल एनालिसिस इस अवधारणा पर आधारित है कि इतिहास खुद को दोहराता है, जैसे ही चार्ट पे किसी विशिष्ट पैटर्न का गठन होता है, तो  संभावना यह है कि कीमत पैटर्न के अनुसार आगे बढ़ेग. हालाँकि शेयर बाज़ार में कुछ भी 100% नहीं है, और इसलिए इनाम के लिए जोखिम (risk to reward) का पालन करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
  4. वॉल्यूम एनालिसिस – जितने मात्रा में शेयरों या कॉन्ट्रैक्ट्स का कारोबार हुआ उसको वॉल्यूम कहा जाता ह.  किसी विशेष प्रवृत्ति की पुष्टि के लिए अक्सर कीमत के साथ वॉल्यूम का विश्लेषण किया जाता है. यदि आप इस पर अधिक जानना चाहते हैं, तो कृपया यहां क्लिक करें.

टेक्निकल एनालिसिस की सीमाएँ | Technical Analysis Limitations

तकनीकी विश्लेषण एक बहुत लोकप्रिय तकनीक है लेकिन इसकी कई सीमाएँ भी हैं जो एक ट्रेडर तो जांना बहोत ज़रूरी हैं.

  1. सीमित दायरा – Technical analysis काफी हद्द तक सिर्फ price और volume पर आधारित है और कमाई, कंपनी प्रबंधन, अर्थव्यवस्था जैसे बुनियादी कारकों को नजरअंदाज कर देता है. और इसलिए यह दीर्घकालिक निवेश के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है.
  2. गलत संकेत – टेक्निकल एनालिसिस और पैटर्न गलत संकेत उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे व्यापारी गलत व्यापारिक निर्णय ले सकते हैं. बाजार अस्थिरता और बेतहाशा गतिविधियों के दौर से गुजर सकता है (जो की एक आम बात है), जिससे तकनीकी विश्लेषण और चार्ट पैटर्न विफल हो सकते हैं.
  3. विश्लेषक द्वारा व्याख्या के लिए खुला – चूंकि टेक्निकल एनालिसिस में डेटा का विश्लेषण करने के विभिन्न तरीके हैं, इसलिए यह हमेशा व्याख्या के लिए खुला रहता है. दो व्यक्ति एक ही चार्ट को देख सकते हैं और दो अलग-अलग पैटर्न देख सकते हैं, जिनमें से दोनों के पास तार्किक समर्थन और प्रतिरोध स्तर हो सकते हैं जो स्थिति को उचित ठहराते हैं.

FAQs

  1. टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है?

Technical analysis वित्तीय बाजारों में ऐतिहासिक पैटर्न, मूल्य चार्ट और संकेतकों का अध्ययन करके stocks के मूल्य आंदोलनों का विश्लेषण और पूर्वानुमान करने के लिए उपयोग की जाने वाली एक विधि है।

  • क्या टेक्निकल एनालिसिस किसी stock की भविष्य की कीमत का अनुमान लगा सकता है?

ऐतिहासिक डेटा और बाजार पैटर्न के आधार पर भविष्य के मूल्य आंदोलनों की भविष्यवाणी करने में मदद करता है. हालाँकि, यह निश्चितता के साथ भविष्य की कीमतों की भविष्यवाणी नहीं कर सकता, क्योंकि बाजार की स्थितियाँ कई कारकों से प्रभावित होती हैं.

  • Technical analysis fundamental analysis से किस प्रकार भिन्न है?

Fundamental analysis किसी व्यवसाय के मूलभूत तत्वों जैसे कंपनी की वित्तीय स्थिति, उद्योग के रुझान और आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखता है. दूसरी ओर, technical analysis मुख्य रूप से भविष्य के मूल्य आंदोलनों की भविष्यवाणी करने के लिए ऐतिहासिक मूल्य और volume डेटा पर निर्भर करता है.

  • क्या technical analysis short term trading के लिए बेहतर उपयुक्त है?

Technical analysis को short term और long term दोनों trading रणनीतियों पर लागू किया जा सकता है. Short term traders इंट्राडे या स्विंग ट्रेडिंग पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जबकि long term निवेशक स्थिति ट्रेडिंग (positional trading) या पोर्टफोलियो प्रबंधन के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करने के लिए तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कर सकते हैं.

  • क्या technical analysis से जुड़े कोई जोखिम हैं?

एक trader या इन्वेस्टर के लिए यह बात समझना बहोत ज़रूरी है की स्टॉक मार्किट एक जोखिम भरा व्यवसाय है, चाहे आप कितनी भी एनालिसिस कर लें. गलत संकेत, व्यक्तिपरक व्याख्या और ऐतिहासिक डेटा पर निर्भरता, technical analysis में शामिल कुछ जोखिम हैं.

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